जिसका बात का डर था सैफई में वही हुआ
शिवपाल सिंह यादव ने जो डर जताया वो सच हो गया
सैफई मेडिकल कॉलेज में फूटा कोरोना बम
करीब 75 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले
8 डॉक्टरों को भी कोरोना ने चपेट में लिया
क्या ये है मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था का असर ?
कोरोना का कहर व्यापक होता जा रहा है और ऐसे में हालात बिगड़ते जा रहे हैं…ताजा मामला सैफई मेडिकल कॉलेज का है…जहां कोरोना बम फूटने के बाद हड़कंप मच गया…मेडिकल कॉलेज कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर सबसे बड़ा हॉट स्पॉट के रूप मे तब्दील हो गई है…कोरोना संक्रमण की गुरुवार को आई रिर्पोर्ट में इटावा में 191 कोरोना पॉजीटिव पाए गए, इनमें से 75 केस अकेले सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के ही हैं…यूनिवर्सिटी में अब तक करीब 200 के लगभग ऐसे केस चल रहे हैं…गुरुवार को करीब आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं…इनमें डॉ. अमित सिंह, डॉ. गौरव जैन, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. प्रियंका, डॉ. सुयश अग्रवाल, डॉ. शशि, डॉ. शालिनी, डॉ. विशाल सिंह शामिल हैं…अभी तक शहर के फ्रेंड्स कॉलोनी में सबसे अधिक मामले निकल कर सामने आए थे… लेकिन गुरुवार को कोरोना के 191 नए केस आए उनमें अकेले 96 मरीज सैफई क्षेत्र के पाए गए हैं…सैंपलिग प्रभारी डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि इटावा में अब एक्टिव केस 1888 जबकि कुल मरीजों की संख्या 8,194 है…आपको बता दें कि सैफई मेडिकल कॉलेज में अभी दो दिन पहले असुविधाओं की कमी का आरोप लगाते हुए डॉक्टर्स ने हड़ताल कर दी उनका कहना था कि कोरोना के मरीजों का इलाज तो वो कर रहे हैं लेकिन सुरक्षा उपकरण न होने की वजह से उनके संक्रमित होने का खतरा है…इसके अलावा प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने भी एक पत्र स्वास्थ्य मंत्री और सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा था और विश्वविद्यालय में मौजूद खामियों और असुविधाओं को लेकर सवाल उठाया था…उन्होंने जल्द से जल्द जरूरी सामान की आपूर्ति की मांग पत्र के जरिए की थी…इसके अलावा शिवपाल सिंह यादव ने भी सुरक्षा उपकरणों के आभाव में इलाज कर रहे डॉक्टर्स के कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जताई थी…जिसका नतीजा अब सामने हैं…सैफई मेडिकल कॉलेज से इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिलने के बाद इलाके में हड़कंप का माहौल है वहीं सपा नेताओं ने प्रदेश सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है उनका साफ कहना है कि कई बार सरकार से विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा उपकरणों की मांग की थी सपा नेताओं ने कई बार मांग उठाई लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा ये है कि अब इलाज करने वाले डॉक्टर ही कोरोना संक्रमित हो गए हैं ऐसे में अब मरीजों का इलाज कौन करेगा ये सबसे बड़ा सवाल है…ब्यूरो रिपोर्ट