शुजालपुर। रसोई गैस की बढ़ती कीमतों व बिजली की अनियमितता से बचने के लिए किसान ग्रामीण इलाकों में शासन के अनुदान पर 160 घन मीटर के बड़े ड्रम वाले बायोगैस संयंत्र निर्माण करा रहे हैं। ग्राम मोहम्मदखेड़ा में एक किसान ने 160 घन मीटर ड्रम क्षमता वाला बायोगैस संयंत्र बनाकर जैविक खाद के निर्माण, खाना पकाने की गैस की आपूर्ति के साथ ही कृषि उपयोग में बिजली के विकल्प को पूरा करते हुए 3 फायदे सफलतापूर्वक लेना शुरू किये है। कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एसके पैवैया ने बताया कि वर्ष 2020- 21 में बायोगैस संयंत्र पर शासकीय अनुदान की राशि ₹2500 प्रति संयंत्र कम होने के बाद भी ग्रामीणों में बायोगैस संयंत्र को लेकर उत्साह बना हुआ है। बीते वित्तीय वर्ष में ग्राम पटलावदा मे सुनील परमार, कौशल्या बाई परमार, भ्याना निवासी नंदकिशोर धनगर, रीछोदा निवासी सुनीता बाई राजपूत, विशाल राजपूत, अकोदिया गांव निवासी अरविंद मंडलोई ने बायोगैस संयंत्रों का निर्माण कराकर उनका उपयोग शुरू किया है।