शाजापुर। जिले ग्राम पोलाई कला खुर्द में होली का त्यौहार मान्यताओं और परंपराओं का समागम है जिले के अलग-अलग हिस्सों में होली हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। कई फूलों से होली खेली जाती है तो कहीं पर लोग एक दूसरे पर रंग गुलाल लगाकर होली खेलते हैं, लेकिन आपने कभी आंख के जलते अंगारों पर चलकर होली खेले जाने के बारे में नहीं सुना है। इस पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन शाजापुर जिले के ग्राम पोलाई कला खुर्द गल महादेव समाधि स्थल पर होलिका दहन के दूसरे दिन यह परंपरा गांव में निभाई जाती, अंगारों पर चलने की परंपरा है। ग्रामीणों का कहना है कि होलिका के दूसरे दिन रात को लोग अंगारों पर से निकलते हैं ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से उनका गांव आपदा और दूसरी परेशानी से सुरक्षित रहता है। यह परंपरा उनके गांव में डेढ़ सौ साल से चली आ रही है गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक नंगे पैर अंगारों पर ऐसे चलते हैं मानो सामान्य जमीन पर चल रहे हो गांव का आपदा से और खुद को बीमारियों और संकटों से दूर करने के लिए ग्रामीण इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं।