Watch This Short Film on Martyrs' Day known as shaheed diwas. Bhagat Singh, Rajguru are Indian freedom fighters who martyrs on 23 March 1931 after Lahore conspiracy case.
शहीद दिवस पर इस लघु फिल्म को जरूर देखिये 23 मार्च शहीद दिवस के रूप में जाना जाता है। भगत सिंह, राजगुरु भारतीय स्वतंत्रता सेनानी हैं जो 23 मार्च 1931 को शहीद हुए थे।
भगत सिंह और उनके साथी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे। उनका मकसद था एक ऐसा देश बनाना जहां किसी प्रकार का भेदभाव न हो, सबको बराबरी के हक़ अधिकार मिले , कोई इंसान किसी दूसरे इंसान का शोषण न कर सके। समय गुजरा देश आजाद हुआ। और आज के हालात हमारे सामने हैं। शहीद भगत सिंह को यदि हमें सच में सम्मान देना है उनके साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी है तो हमें पढ़ना होगा , समझना होगा उनके विचारों को। शहीद दिवस पर सिर्फ उनकी तस्वीरों पर माल्यार्पण करने से काम नहीं चलेगा।
शहीद भगत सिंह और सभी साथी क्रांतिकारी राजगुरु , सुखदेव , शिव वर्मा , बिस्मिल , आजाद , अशफाक सभी के विचार आज भी सार्थक हैं और तब तक रहेंगे जब तक शोषणकारी व्यवस्था कायम है। भगत सिंह ने जेल से विद्यार्थियों के नाम सन्देश लिखा था जिसमे उन्होंने लिखा था की देश की तरक्की तभी संभव है जब विद्यार्थी देश के विकास में अपना योगदान दें। छात्रों का कर्त्तव्य है की शिक्षा के साथ साथ राजनीती में सक्रिय भूमिका निभाएं। लेकिन आज भी सरकारें लगातार यही कहती हैं की छात्रों को राजनीती से दूर रहना चाहिए। यहाँ समझने की बात यह भी है की राजनीति क्या है। हक़ अधिकार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाना ही है असली राजनीती।
हमारा आप सभी से निवेदन है की आज २३ मार्च शहीद दिवस के दिन क्रांतिकारी साथियों के दस्तावेज और उनके विचारो को जरूर पढ़ें और विचार करें।
इंक़लाब ज़िंदाबाद ! !
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