Kanu Sanyal, who was one of the architects of the Naxalite uprising, had hung himself on 23 March nine years ago at his residence in West Bengal’s Naxalbari, the epicentre of Left-wing extremism. If Charu Majumdar was the ideologue of the Naxalite movement, Sanyal was the one who steered the movement with an iron fist.
आज देश के पहले नक्सली कानू सान्याल की पुण्यतिथि है. 1929 में दार्जीलिंग के कर्सियांग में जन्में कानू सान्याल अपने पांच भाई बहनों में सबसे छोटे थे. पिता आनंद गोविंद सान्याल कर्सियांग के कोर्ट में पदस्थ थे. कानू सान्याल ने कर्सियांग के ही एमई स्कूल से 1946 में मैट्रिक की अपनी पढ़ाई पूरी की. बाद में इंटर की पढाई के लिए उन्होंने जलपाईगुड़ी कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. उसके बाद उन्हें दार्जीलिंग के ही कलिंगपोंग कोर्ट में राजस्व क्लर्क की नौकरी मिली.
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