जेवर विधानसभा का सियासी समीकरण
देखिए किसके पक्ष में दिख रहा है माहौल ?
देखिए 2022 में किसके बीच में होगा मुकाबला ?
गौतमबुद्धनगर जिले की अहम सीट है जेवर विधानसभा
सपा और बीजेपी में बराबर का दिख रहा मुकाबला
लेकिन जीतेगा कौन ? आइए जानते हैं समीकरण
2022 विधानसभा चुनावों से पहले हम हर विधानसभा सीट का सियासी हाल जान रहे हैं ऐसे में आज हम बात करेंगे गौतमबुद्ध नगर जिले की जेवर विधानसभा सीट की…और जानने की कोशिश करेंगे कि कौन यहां आगे दिख रहा है और कौन पीछे दिख रहा है लेकिन पहले जानते हैं कि इस सीट पर मतदाताओं की संख्या क्या है और पिछला इतिहास क्या रहा है…
दिल्ली NCR में आने वाली अहम सीट है जेवर विधानसभा
अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर 2 बार चुनाव हुआ है
जेवर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदातओं की संख्या 3 लाख 22 हजार 982 है
पहली बार जेवर सीट पर 2012 में विधानसभा चुनाव हुआ था
2012 में मुख्य मुकाबला बीएसपी और कांग्रेस में हुआ था
2012 में सपा तीसरे नंबर पर थी और बीजेपी चौथे नंबर पर थी
2012 के हुए चुनाव में बीएसपी ने जेवर में जीत दर्ज की थी
2017 में चौथे नंबर पर रहने वाली बीजेपी ने जीत दर्ज की थी
बीजेपी की तरफ से धीरेंद्र सिंह यहां से विधायक चुने गए
2017 में भी मुख्य मुकाबला बीएसपी और बीजेपी में देखने को मिला था…ऐसे में जेवर में अब सपा को बेहतरी के साथ रणनीति बनाने की जरूरत है…मौजूदा वक्त में सपा और बीजेपी यहां मजबूत स्थिति में हैं और मुकाबला बराबरी का दिखता है लेकिन मुद्दों ने स्थितिया थोड़ी सपा के पक्ष में रुख किया है…आइए जानते हैं कि क्या वो पहलू हैं जो सपा के लिए कारगर साबित हो सकते हैं लेकिन बीजेपी भी कमजोर नहीं है
जेवर सीट पर भी किसान आंदोलन का असर दिख रहा है
लेकिन जेवर में हो रहे विकास कार्य से भी लोग खुश हैं
मुख्य मुकाबले में सपा और बीजेपी ही दिखाई दे रहे हैं
लेकिन सपा को लोगों से वोट हासिल करने के लिए मेहनत करनी होगा
कोई ऐसा चेहरा मैदान में उतारना होगा जो आवाम में लोकप्रिय हो
बीजेपी भी जेवर में जीत के लिए सियासी बिसात बिछा रही है
सपा के पास बेरोजगारी और किसान आंदोलन का मुद्दा अहम है
मुद्दों को भुनाने के लिए सपा को यहां मजबूती जल्द से जल्द लेनी होगी
सपा और बीजेपी मुख्य टक्कर में दिख रहे हैं लेकिन सवाल इस बात का है कि आखिर जीत किसे मिलेगी…बीजेपी जेवर में मजबूत है और सपा मजबूती हासिल कर रही है…अगर मौजूदा वक्त में चुनाव हों तो हार जीत का अंतर बेहद कम वोटों का होगा और मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा में ही होगी…2022 तक सपा कैसे यहां खुद बेहतर स्थिति में लाती है वो देखना दिलचस्प होगा…ब्यूरो रिपोर्ट