गौड़ीय संप्रदाय के सप्त देवालयों की शोभायात्रा ने रविवार को श्रीबांकेबिहारी की नगरी की कुंज गलियों को भक्ति में सराबोर कर दिया। बाद में कुंभ क्षेत्र पहुंची। सप्त देवालयों के निशानों के नेतृत्व में बैंडबाजों के बीच शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। जगह-जगह वृंदावनवासियों ने शोभायात्रा में शामिल ठाकुरजी और उनके भक्तों पर पुष्पवर्षा करते हुए स्वागत किया। सप्त देवालयों की भव्यता देख श्रद्धालु गदगद हो गए। धर्म और आध्यात्मिक नगरी वृंदावन के सप्त देवालयों की निकाली गई शोभायात्रा में सबसे पहले मंदिरों के निशान नेतृत्व कर रहे थे। उनके पीछे मंदिर ठाकुर मदनमोहन, मंदिर गोविंद देव जी, मंदिर श्री राधागोपीनाथ जी, मंदिर श्रीश्री राधेश्याम सुंदर जी, मंदिर श्री राधारमण मंदिर, मंदिर श्री राधादामोदर और मंदिर श्री गोकुलानंद की सवारी थीं। सजे हुए डोलों में ठाकुरजी विराजमान थे। उनके साथ सप्त देवालयों के प्रमुख आचार्य एवं सेवायत चल रहे थे। दर्शन की अभिलाषा में रास्तों में खड़े लोग रथ और डोलों में विराजमान ठाकुरजी को नमन करते हुए निहारते नजर आए। सेवायतों की चरण वंदना कर रहे थे। शोभायात्रा का प्रमुख हिस्सा बनीं संकीर्तन करती मंडलियां और भजनों की धुन पर थिरकते श्रद्धालु धर्म नगरी के वातावरण को एक दिव्य आध्यात्मिक स्वरूप प्रदान करते दिखाई दिए।