फ्रंटलाइन वर्कर्स में नहीं किया शामिल
जबकि लॉकडाउन में भी किया था बेहतरीन काम
कोरोना वैक्सिनेशन के दूसरे चरण में अब फ्रंटलाइन वर्कर्स का चयन सवालों के घेरे में है। केंद्र की नीति का हवाला देकर फ्रंटलाइन वर्कर के नाम पर सरकार का पूरा फोकस केवल चुनिंदा विभागों के सरकारी कर्मचारियों के वैक्सीनेशन पर है। इनमें भी कुछ ऐसे हैं जिनका फ़ील्ड से कभी नाता ही नहीं रहा। केंद्र की नीति के तहत अभी तक स्वास्थ्य,पंचायती राज,शिक्षा,कृषि,आशा सहयोगिनी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,पटवारी,सामाजिक अधिकारिता आदि विभागों के कार्मिकों को वैक्सीनेशन में शामिल किया गया है। जबकि कोरोना काल के लॉकडाउन में भी डोर टू डोर सेवाएं देने वाले पशुपालन विभाग के कार्मिक अभी भी वैक्सीनेशन के इंतज़ार में हैं। प्रदेश में अब तक 744632 स्वास्थ्य कार्मिकों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।