मऊरानीपुर। क्षेत्र के ग्राम घाटकोटरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन श्रोताओं को भगवान की भक्ति के वारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कथा व्यास आचार्य दिव्यांगभूषण बादल ने कहा कि मनुष्य को अपने स्वभाव व परिस्थिति को ध्यान में रखकर ही भक्ति के मार्ग का चयन करना चाहिए। भाव से की गई सभी प्रकार की भक्ति को भगवान स्वीकार करते हैं। उन्होंने मनुष्य के स्वभाव की चर्चा करते हुए कहा कि दूसरों में व्याप्त गुणों को अनदेखा कर उसके दोष को देखना मानव का स्वभाव है। दोष देखने बाले ऐसे लोग संसारी हैं जबकि गुण देखने बाले लोग भगवान की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने परिवार के मुखिया बृद्ध जनों से वानप्रस्थ आश्रम में रहकर बच्चों के जीवन में दखलंदाजी करने से बचने की सलाह दी। इस दौरान कथा स्थल पर असंख्य पार्थिव शिवलिंग के सृजन बड़ी संख्या में लोगों एवं महिलाओं ने भाग लिया। आचार्य शिव जी तिवारी शास्त्री एवं राम बहादुर पाठक ने पार्थिव शिवलिंग का पूजन कर शिव जी का अभिषेक कराया। श्रीमद्भागवत पुराण की आरती कथा यजमान मीरा विष्णु रा