पहले बारिश और अब कोल्ड वेव यानी शीत लहर ने जिंदगी की रफ्तार धीमी कर दी है। हालात यह हैं कि हिमाचल से लेकर पश्चिम उप्र तक कोमल्ड वेब चल रही है। शुष्क शीत लहर के चलते समूचा पश्चिम उप्र में लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। वे ही लोग बाहर निकल रहे हैं जिन्हें बहुत जरूरी काम है या फिर जिनको नौकरी पर जाना है। इस शीत लहर से बचने के लिए चिकित्सकों ने जरूरी सलाह दी है। खासकर उन लोगों को जो बुजुर्ग है या फिर पहले से किसी गंभीर बीमार से ग्रसित है। मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, हापुड, शामली, बागपत, नोएडा, बिजनौर, मुरादाबाद आदि जिले इस समय जबरदस्त शीत लहर की चपेट में हैं। मौसम विभाग की माने तो अभी हवा की रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है। बारिश के बाद से कड़ाके की ठंडक ने दस्तक दे दी है। मेरठ सहित समूचे वेस्ट यूपी में रात का तापमान गिरना शुरू हो गया है। कोहरे और धुंध का असर यातायात को प्रभावित कर रहा है। कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के जो हालात हैं, उनसे आने वाले दिनों में ठंडक और बढ़ने के आसार हैं।
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मेरठ और उसके आसपास के जिलों में रविवार की सुबह कुछ अलग थी। धूप नहीं निकली। लगातार आज नौवा दिन है जबकि सुबह सूर्य के दर्शन मेरठ वासियों को नहीं हुए। शाम होते ही आकाश में बादल छा गए जिसके प्रभाव से दृश्यता कम हो गई और वातावरण ठंडा हो गया। इसके बाद तापमान गिरता चला गया। मध्य रात्रि से पहले ही कुछ इलाकों में कोहरे का प्रकोप शुरू हो गया।
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कहने को तो पारा 5 डिग्री सेल्सियस तक ही नीचे आया लेकिन इसके नजदीक वह कई घंटे रहा। नतीजतन लोग कंपकंपाते रहे और रजाई में दुबके रहने के लिए मजबूर हुए। यह स्थिति कमोबेश पश्चिम उप्र के सभी जिलों में महसूस की जा रही है।
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मौसम विभाग के अनुसार कश्मीर के लेह इलाके में पारा शून्य से 14 डिग्री नीचे तक पहुंच गया है। वहां पर जनजीवन ठप हो गया है और लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। श्रीनगर का भी हाल बुरा है। वहां पर भी तापमान शून्य से 3.2 डिग्री नीचे पहुंच गया है। जिसका असर मैदानी इलाकों में पड़ रहा है।