लखीमपुर। पापा आपने मेरी बात नहीं मानी, अब मैं भी आपकी कोई बात नहीं मानूंगी। यह लाइन रेखा कश्यप ने उस पत्र में पिता के लिए लिखी हैं, जो उसकी जींस में मिला है। पत्र के इन शब्दों से यही जाहिर होता है कि रेखा प्रेमी पवन से विवाह करने की बात कह रही थी, पर पिता ने उसे अनसुना कर दिया। पवन के घर वाले भी इस रिश्ते के खिलाफ थे, शायद तभी प्रेमी युगल ने साथ जी न पाने की सोचकर, साथ मरने का फैसला कर लिया। एक ही गांव के पवन व रेखा के बीच बीते कई साल से प्रेम प्रसंग था। वह एक-दूसरे के साथ जीना चाह रहे थे, पर दोनों की जाति अलग-अलग होने के कारण उनके परिवार वालों को ये रिश्ता रास नहीं आया। तीन भाइयों में पवन चौबे (20) सबसे छोटा था, वहीं अपनी तीन बहनों में रेखा कश्यप (18) भी सबसे छोटी थी। दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा तो इसके चर्चे भी गांव में होने लगे। इसी के चलते रेखा के पिता संतोष ने उसके स्कूल जाने पर भी कुछ समय पहले पाबंदी लगा दी थी। हालांकि दोनों इस बीच चोरी-छिपे मिलते रहे और एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं थी।