उज्जैन जिले के किसान परेशान इस समय बटले की खेती से बटला हुआ भरपूर पर भाव मिल रहे हैं कम। इसकी वजह से नहीं निकल पा रही मजदूरी और महंत आना कम भाव की वजह बनी परेशानी की वजह। उज्जैन जिले के अंदर किसान अपने खेतों के अंदर बड़ी संख्या में बटले की फसल मटर खेती करते हैं और बटले बोते हैं किसानों का कहना है कि करीब ढाई महीने मेहनत करने के बाद बटले की फसल आती है इस समय बटले की भरपूर आवक है और हम अपने खेतों से बटले तोड़ रहे हैं और बेचने जा रहे हैं तो बेहद ही कम भाव में बिक रहे हैं इसकी वजह से हमारी मेहनत मजदूरी और बीज बिजवारे के पैसे ही नहीं निकल पा रहे हैं और बटले की खेती हमको लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है। जहां एक और केंद्र सरकार कानून लागू कर किसानों की खेती लाभ को बनाने का प्रयास कर रही है और राज्य सरकार केंद्र सरकार के द्वारा दावे भी किए जा रहे हैं कि किसान अपनी फसल को घर बैठे भेज सकेंगे। उनके निर्धारित दर के अनुसार और उनको कृषि बिल लागू होने के बाद फायदा होगा पर धरातल पर असर दिखाई नहीं दे रहा है और इस समय किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है।