सियासत में मुस्लिम वोटों में कितनी ताकत? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर कपिल कुमार ने कहा, वंदे मातरम को बंकिम जी ने अपनी पुस्तक आनंद मठ में लिखा था लेकिन ये नारा तब आया था जब अंग्रेजों ने 100 साधुओं की हत्या कर दी थी. जब मुस्लिम लीग ने ये मुद्दा उठाया था कि वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा तो फिर वहां पर सुभाष चंद्र बोस के साथ नेहरू भी पहुंचे थे. सुभाष चंद्र बोस ने तो इसका विरोध किया था लेकिन नेहरू ने इसे दो भागों में बांट दिया था. #MuslimVoteBankPolitics #DeshKiBahas