देश का इतिहास पान के बिना अधूरा है। हिंदू धर्म में तो बकायदा पान को पूजा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कोई भी शुभ अवसर हो। पान का प्रयोग पूजा-पाठ में जरूर होता है। पान का अपना एक अलग ही इतिहास है। इसके प्रेमी जितने हिंदू हैं उतने ही दूसरे धर्म में भी हैं। देश में सभी धर्मों के लोग पान को बडे़ शौक से खाते हैं। पुरुष ही नहीं महिलाएं भी पान के शौकीनों में से एक हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान कितने प्रकार का होता है और पान की और कौन-कौन सी खासियत होती है। मेरठ शास्त्रीनगर में पीवीएस के पास पान की दुकान करने वाले प्रशांत बताते हैं कि जैसे-जैसे जमाना तेजी से बदल रहा है उसी तरह से पान भी नए स्वाद में आ रहा है। प्रशांत बताते हैं कि अब पान की दुकानें भी परंपरागत तरीकों को छोड़कर आधुनिकता का चोला ओढ रही हैं। प्रशांत बताते हैं कि मेरठ में तो पान खाने के शौकीन कम हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल,पूर्वी उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारतीय राज्यों में पान तो प्रतिदिन के भोजन का एक अभिन्न अंग आज भी बना हुआ है। प्रशांत के यहां पर पान की 151 तरह की वैरायटी हैं। उनके यहां पर पांच रुपये के पान से लेकर 3100रुपये तक का पान है। इतना ही नहीं उनके यहां पर बनने वाले चकलेटी पान के दीवानी युवतियां भी हैं।
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71 तरीके का मीठा पान :-
प्रशांत कहते हैं कि उनकी दुकान में 71 तरीके का मीठा पान है। सभी पान की अपनी-अपनी खासियत हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां पर बिकने वाला मीठा पान स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक हैं। उन्होंने बताया कि मीठे पान में कुछ फ्लैवर बहुत खास होते हैं। मीठे पान की वैराइटी खस बहार, गुलाब चटनी, गुलाब केसरी, गुलबहार, रातरानी, रजनीगंधा,कमल फ्लैवर, नवरतन चटनी पान ये सब फ्लैवर मीठे पान के हैं।
चाकलेट में 20 तरह की पान वैरायटी :ः-
प्रशांत के पास 20 तरह के चाकलेट पान की वैराइटी हैं। चाकलेट पान के भीतर जो रॉ मैटिरियल होगा वो चाकलेट वाला होगा। इनमें बटरस्काच, वनीला, स्ट्रावेरी के अलावा अन्य कई चाकलेट फ्लैवर हैं। इन चाकलेट पान में कुछ रॉ मैटिरियल तो वहीं होता है जो कि नार्मल पान में डाला जाता है। चाकलेट पान को मनपसंद फ्लैवर में डिप कर खिलाया जाता है। चाकलेट पान में चोको आम पान,चोको रेस्प वेरी पान,किटकैट चाकलेट पान,चोको लडडू पान,औरियो चोको पान इत्यादी।
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