यूपी के हमीरपुर जिले में अंतरजातीय विवाह करने वाले एक जोड़े को समाज की क्रूर सजा भुगतनी पड़ गई सवर्ण युवक से ब्याह रचाने वाली अनुसूचित जाति की युवती को प्रसव पीड़ा उठी तो गांव की आशा बहू से लेकर हर किसी ने मदद से मुंह मोड़ लिया पति ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन जब तक एंबुलेंस पहुंची तब तक महिला को प्रसव हो चुका था और नवजात की मौत हो चुकी थी नाजुक हालत में महिला को इलाज के लिए सीएचसी और फिर वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौदहा कोतवाली क्षेत्र के गहरौली खुर्द गांव निवासी राममिलन ने बिरादरी के खिलाफ जाकर अनुसूचित जाति की संगीता से शादी की थी। जिसके चलते उसे बिरादरी से बहिष्कृत कर दिया गया था। राममिलन के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी, लिहाजा वह अपनी पत्नी संगीता के साथ गांव में ही अलग रह रहा था जिसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो उसने आशा बहू को फोन किया, मगर उसने आने से इनकार कर दिया इस पर राममिलन गांव में ही मदद मांगने को एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे पर पहुंचने लगे, लेकिन कोई भी मदद को आगे नहीं आया राममिलन ने एंबुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन जब तक एंबुलेंस कर्मी पहुंचे तब तक संगीता नवजात को जन्म दे चुकी थी कमरे में नवजात मृतावस्था में और संगीता बेहोश पड़ी हुई थी
पति राममिलन के अनुसार वह एंबुलेंस से संगीता को लेकर सीएचसी भागा जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए संगीता के ऑक्सीजन लगा दी और रेफर कर दिया जिला अस्पताल लाते-लाते संगीता की रास्ते में ही मौत हो गई
नवजात के साथ-साथ पत्नी की मौत से पति का रो रो कर बुरा हाल है पति ने बताया कि उसने संगीता से प्रेम विवाह किया था, जिसकी सजा आज उसे मिली है। वह गांव वालों और बिरादरी का बहिष्कार शादी के बाद से ही झेल रहा था सोचा था कि सब कुछ सही हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ
इस संबंध में सीएमओ डॉ.आरके सचान का कहना है कि मामला गंभीर है आशा बहू की भूमिका की जांच कराई जाएगी।