खबर ललितपुर से है जहां आज भी एक शख्स के दिल में बेटे की चाहत ने ऐसा घर बनाया कि जब उसकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया तो पिता ने बिना बेटी का मुंह देखे ही जहर खाकर आत्महत्या करली। हालांकि शासन प्रशासन बालिकाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है बेटी "बचाओ बेटी पढ़ाओ" जैसे नारे देकर बेटियों के हितों में काम कर रही है। इसके बाबजूद एक पिता अपनी उस बेटी के जन्म से इतना दुःखी था जिसने दुनिया में ठीक तरह से आंखें तक नहीं खोल पाई थी।
मामला जनपद के थाना मड़ावरा अंतर्गत ग्राम धुरवारा का है। जहां की निवासी एक महिला ने जब चौथी पुत्री को जन्म दिया तो उसके 29 बर्षीय पति विनोद अहिरवार पुत्र ने लड़की पैदा होने की खबर सुनकर गम में घर जाकर कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया जिससे हालत विगड़ गई। आनन फानन में परिजनों द्वारा उसे सीएचसी मड़ावरा में भर्ती कराया गया जहां से उसे प्रार्थिमिक उपचार के बाद गम्भीर हालत में जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया गया। लेकिन जिला चिकित्सालय पहुंचने से पहले उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिलाचिकित्सालय में तैनात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर जब पत्नी को अपने पति की मौत की खबर मिली तो उसकी हालत भी विगड़ गई और वह मासूम को कोसने लगी। इसके साथ ही परिवार में कोहराम की स्थिति उत्पन्न हो गई क्योंकि वह गरीब तबके का व्यक्ति था जो मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था । उसकी मौत के बाद आप परिवार पर भरण पोषण का संकट आ खड़ा हुआ है तो वहीं हाल ही में जन्मी पुत्री को भी लोग कोसने में लगे हुए हैं। बताया गया है कि मृतक के घर पहले से तीन पुत्रियां थी और उसे पुत्र की इच्छा थी। अब इस घटना के बाद बेटियां भी सोचने पर मजबूर हो गई होंगीं की " हे भगवान अगले जनम मोहे बेटी न कीजो"...