कोरोना काल के दौरान अस्थाई तौर पर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किए गए कर्मचारियों द्वारा आज भोपाल में संविदा नियुक्ति को लेकर धरना दिया जा रहा था। इस दौरान पुलिस ने प्राथमिक तौर पर काफी समझाने का प्रयास किया। नहीं मानने पर लाठियां भांजना शुरू कर दी। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अप्रैल से हम जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य विभाग मैं कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। सरकार अपनी आवश्यकता के अनुसार हमें इस्तेमाल करती रहती है। आपात स्थिति में हमने कोरोना योद्धा की तरह काम किया है। हमें नौकरी से निकालने के बजाय संविदा नियुक्ति दी जाए, स्वास्थ्य विभाग में पर्याप्त अतिरिक्त पद है फिर हमारे साथ यूज एंड थ्रो जैसा व्यवहार क्यों?