केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। वे किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पानी की तेज बौछार और आंसू गैस के गोलों से उठता धुआं भी प्रदर्शनकारी किसानों का मनोबल नहीं तोड़ पाया। कई अन्य संगठनों ने भी किसानों की मांगों का समर्थन किया है।
प्रदर्शनकारी किसानों को कुछ इस तरह पानी की बौछार कर रोकने की कोशिश की गई। सिंघु बॉर्डर पर केन्द्र सरकार के कृषि बिल के खिलाप हाथों में पोस्टर लिए प्रदर्शनकारी किसान। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन के लिए जुटे किसान। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पानीपत में प्रदर्शन कर रहे किसानों से जाकर मुलाकात की।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने भी राजधानी में दिल्ली किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया। मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि बिलों से नाराज किसानों का विरोध प्रदर्शन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और हर हाल में राजधानी में प्रवेश करना चाहते हैं। वहीं राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। प्रदर्शनकारियों के दिल्ली में घुसने से वहां अव्यवस्थाएं बढ़ने का खतरा है। उधर सरकार भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि किसान क्यों हंगामा कर रहे हैं? किसानों को कौन भड़का रहा है?