पंचायत चुनाव से पहले अवैध शस्त्र फैक्टरी का भांडाफोड़

2020-11-27 9

पंचायत चुनाव की हलचल गांव में तेज हो गई है, जिससे तमंचों की मांग बढ़ी है। पुलिस की नजर से बचने को फैक्ट्री संचालक शहर को सुरक्षित ठिकाना मानकर तमंचा बना रहे थे। मौके से तमंचा व बनाने के उपकरणों सहित तीन लोगों को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।
शहर कोतवाली पुलिस व स्वॉट टीम ने मोहल्ला बड़ा बंगशपुरा व छोटा बंगशपुरा के बीच में आबादी से सटी झाड़ियों में तड़के दबिश देकर थाना राजेपुर के गांव हरिहरपुर निवासी हरजीत सिंह व राजीव एवं जनपद हरदोई थाना पचदेवरा के गांव नारायणपुर निवासी संजय को गिरफ्तार कर लिया। मौके से 16 बने व अधबने तमंचा, कारतूस व असलाह बनाने के उपकरण आदि भी बरामद हो गए। आरोपितों से कोतवाली में पूछताछ की गई। पुलिस को पता चला कि आरोपित शहर को सुरक्षित मानकर यहां असलाह बना रहे थे। एक तमंचा तीन से पांच हजार रुपये तक में बिकता था। इन दिनों पंचायत चुनाव की वजह से गांव में तमंचों की अच्छी मांग है। चुनाव की वजह से गांव में पुलिस सक्रिय है। तीनों आरोपितों के खिलाफ शस्त्र फैक्ट्री चलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। सीओ सिटी राजवीर सिंह ने पुलिस लाइन में पत्रकारों से बातचीत कर शस्त्र फैक्ट्री बरामदगी की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि आरोपियों से 14 अदद 315 बोर तमंचा, 2 अदद 12 तमंचा , 6 अदद 315 बोर जिन्दा कारतूस , दो अधबने शास्त्र व सस्त्र बनाने के उपकरण बरमाद हुए है | वहीं इन लोगों द्वारा कब से अबैध सस्त्र बनाने का काम करने के सवाल पर कहा इन लोगों द्वारा काफी समय से काम किया जा रहा था जिसकी सूचना मिल रही थी और कार्यवाही करते हुए पुलिस ने तीनो आरोपियों को गिरफ्तार किया है तथा आरोपितों का चालान कर जेल भेजा जा रहा है । विवेचना में यह भी पता किया जाएगा कि गिरफ्तार फैक्ट्री संचालकों ने किन लोगों को तमंचा पूर्व में बेचे थे। खरीदारों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी |
वहीं पुलिस यदा कदा अवैध असलहों को बनाने वाले कारीगरों को पकड़कर अपने आंकड़े तो दुरुस्त करती है | लेकिन कभी असलहों के खरीदारों के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करती । यदि कोई पकड़ गया उसके खिलाफ दफा-25 के तहत कार्रवाई कर बैठ जाती है । कभी भी कोशिश नहीं की गई कि जो असलहा बरामद हुआ है, वह आखिर आया कहां से ।

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