होशंगाबाद के सोहागपुर में भाई दूज की रात में तांत्रिकों का मेला लगता है। जिसमे क्षेत्र के हजारों लोग तांत्रिकों की क्रियाएं देखने मेले में शामिल होते है। दूज की रात में क्षेत्र के सभी तांत्रिक अपने निशान के रुप में ढाल लेकर गांगो देवी जिसे चंडी भी कहा जाता है, से मिलने आते है। ऐसा कहा जाता है की गांगो देवी तंत्र की देवी है। जिसकी पूजन करने आसपास के तांत्रिक जिन्हें पड़िहार भी कहा जाता है मिलने आते है। आपको बता दे कि तांत्रिकों का मेला सेकड़ो सालों से लग रहा है, जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है। मान्यता है की मेले में आने वाले सभी तांत्रिक गांगो देवी के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने आते है, और लोगो की समस्याओं को सुनकर उनके समाधान भी करते हैं। छोटे से पंडाल में जो प्रतिमा स्थापित की जाती है वह मिट्टी की बनी होती है। जिसकी जीभ चमड़े की ओर हाथ मे अंडा रखा होता है। प्रतिमा देखने मे ही चोकाने वाली है लेकिन यही तांत्रिक गांगो देवी है। जिससे मिलने और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने क्षेत्र के सभी तांत्रिक आते है।