एक मानदेय के लिए तरसे, एक पर बोनस बरसे
समान काम समान कार्य घंटे समान योग्यता
फिर भी स्थाई अस्थाई कर्मचारी में हजारों रुपए का अंतर
प्रदेश के तमाम विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों की दीपावली एक बार फिर बिना मानदेय के बीत जाएगी। यह वही संविदा कर्मी हैं जो वर्षों से नियमितीकरण की आस को लेकर स्थाई कर्मचारियों की तरह सम्मान योग्यता रखते हुए उतने ही घंटे कार्य करते हुए वक्त पर मानदेय के लिए तरस जाते हैं। पंचायत राज विभाग और शिक्षा विभाग के बीच अहम कड़ी निभा रहे 27000 पंचायत सहायक एक बार फिर दीपावली पर बिना मानदेय के ही गुजारा करने के लिए मजबूर होंगे।
तमाम पंचायत सहायकों को पिछले 3 से लेकर 7 माह के मानदेय का भुगतान यह कह कर नहीं दिया जा रहा कि सरकार ने बजट का आवंटन नहीं किया। एक तरफ सरकार पंचायत सहायकों को नियमित करने की कह रही है दूसरी तरफ वक्त पर मानदेय भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है, ऐसी स्थिति में पंचायत सहायक केवल आश्वासन के भरोसे अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
नहीं किया वादा पूरा
राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सांवल सिंह राठौड़ का कहना है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व और सत्ता में आने के बाद विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों के नियमितीकरण का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ है। ना समय पर मानदेय भुगतान किया जा रहा है। ना ही वंचित विद्यार्थी मित्रों को नियुक्ति दी जा रही है और ना ही कोर्ट में सुलझे हुए मामलों को सुलझाया जा रहा है। प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी का कहना है कि सरकार समय रहते विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों की मांगों एवं समस्याओं का समाधान करें और नियमितीकरण का रास्ता निकाल ले वरना मजबूर होकर हमें एक बार फिर से आंदोलन की राह पकडऩी पड़ेगी।