जोधपुर संभाग के 5 जिलों में 'बिज्जू अब लुप्त होने के कगार पर

2020-11-01 27

नंदकिशोर सारस्वत

जोधपुर. समूचे मारवाड़ में संकटग्रस्त प्राणी माने जाने वाले 'बिज्जूÓ स्मॉल इंडियन सिवेट याने 'बिज्जूÓ की संख्या थार में लगातार कम हो रही है। कार्निवोरा समूह के विवरिडी परिवार के मांसाहारी वन्यजीव पूरे जोधपुर संभाग में अब दो अंकों में ही बचे हैं। जोधपुर जिले में करीब 48 वर्ष पूर्व 1972 में इस वन्यजीव को खुले में विचरण करते देखा गया था उसके बाद वन्यजीव सैन्सस से गायब है।

सिरोही व जालोर में रिपोर्टेड

बिलों व चट्टानों के पीछे और झाडिय़ों के नीचे घर बनाकर रहने वाले रात्रिचर प्राणी 'बिज्जूÓ मारवाड़ के पाली, जालोर व सिरोही में रिपोर्टेड है। वनविभाग की नवीनतम सैन्सस में जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर में बिज्जू की संख्या शून्य हो चुकी है। शरीर पर काली धारियां व पूंछ पर काली रिंग वाले आकर्षक वन्यजीव की संख्या पूरे प्रदेश में भी लगातार कम हो रही है। करीब चार साल पहले डॉ. श्रवणसिंह की ओर से जालोर क्षेत्र से रेस्क्यू कर 'बिज्जूÓ का जोड़ा कायलाना के पास स्थित माचिया जैविक उद्यान में लाया गया था ।

फेक्ट फाइल

वैज्ञानिक नाम : विवेरिकुला इंडिका
पहचान : शरीर पर काली धारियां व पूंछ पर काली रिंग

खुराक : चूहे, सांप, मृत मवेशी
जीवनकाल : 8 से 10 वर्ष

कहां पर ज्यादा : 300 एमएम वर्षा से कम वाले क्षेत्र में नहीं मिलता
जोधपुर संभाग के जिलों में कुल संख्या : 99

वनविभाग की नवीन सैन्सस में बिज्जू
नाम ----------सिरोही---जालोर---पाली

बिज्जू छोटा ----32------04-------10
बिज्जू बड़ा-----05------28-------01

कबर बिज्जू----19------00-------00

माचिया में रेस्क्यू किए पांच बिज्जू मौजूद .

जोधपुर संभाग के भीनमाल व जालोर क्षेत्र से पांच साल पूर्व रेस्क्यू किए बिज्जू के बच्चों को वन्यजीव चिकित्सक डॉ. श्रवणसिंह सुरक्षित लाने के बाद उनका उपचार कर लालन पोषण किया। इन बिज्जू के बच्चों में स्मॉल इंडियन सिवेट के तीन और एक जोड़ा पॉम सिवेट का भी है

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