जयपुर। न्यूनतम मानदेय पर काम कर रही राज्य की 269 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। इन महिला कार्यकर्ताओं को अब महिला पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया है। अब ये सभी कार्यकर्ता महिला एवं बाल विकास विभाग की कर्मचारी हो गई हैं। विभाग की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने आदेश जारी करी 255 गैर अनुसूचित क्षेत्र और 14 अनुसूचित क्षेत्रों में यह पद दिए हैं। अभी परीवीक्षा काल में इन पर्यवेक्षकों को 15700 रुपए का मासिक पारिश्रमिक दिया जाएगा। अब तक यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साढे सात हजार के न्यूनतम मानदेय पर काम करती रही हैं। वहीं विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अभी 51 आंगनबाड़ी महिलाओं को और नियुक्ति दी जानी है। नवंबर के पहले सप्ताह में इन महिलाओं को भी पर्यवेक्षक के पद पर राज्य कर्मचारी का दर्जा मिल जाएगा।
50 प्रतिशत कोटे पर जताई खुशी
अखिल राजस्थान महिला बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के संस्थापक संरक्षक छोटीलाल बुनकर ने बताया कि पहले राजस्थान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पर्यवेक्षक में क्रमोन्नत करने का कोटा 25 प्रतिशत ही था। कुल पर्यवेक्षकों के पद में से 25 प्रतिशत पर ही महिला कार्यकर्ताओं को लिया जाता था। अब राजस्थान पहला राज्य बन गया है, जहां पर्यवेक्षकों के 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भरे गए। पहली बार राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग पर ध्यान दिया गया है।