27,000 पंचायत सहायकों की पीड़ा
तीन साल से 6000 रुपए में कर रहे काम
ना मानदेय बढ़ा, ना ही हुए नियमित
दर दर की ठोकर खाने को हो रहे मजबूर
13 साल से संविदा के रूप में पहले विद्यार्थी मित्र और अब पिछले तीन साल से पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत करीब 27 हजार कार्मिकों को सरकारी सेवा में समायोजित करने का इंतजार है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार.प्रसार साथ ही शिक्षा विभाग के बीएलओ का कार्य संभाल रहे इन पंचायत सहायकों की हालत ये है कि पिछले 3 सालों से ये पंचायत सहायक महज 6 हजार रुपए के मासिक मानदेय पर कार्य करने को मजबूर हैं।