कांधला। कस्बे के नई बस्ती में रह रहे गांव लिसाढ़ के विस्थापित परिवार के लोगों जिलाधिकारी को पत्र देकर सिंतबर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में गांव लिसाढ़ के लापता 11 लोगों के मृत्यु प्रमाण बनवाए जाने के साथ हीं पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है। सितंबर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में गांव लिसाढ़ के 13 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बड़ौत रजवाहे से गांव लिसाढ़ निवासी सुक्कन व महिला जरीफन के शव बरामद किए थे, जबकि पुलिस आज तक नब्बू, हकीमूदीन, नसरू, करमू, अजमुदीन, उमरदीन महिला हलीमन व छोटी सहित 11 लोगों के शवों को आज तक बरामद नहीं कर पाई है। सांप्रदायिक हिंसा के बाद पीड़ित परिवार कस्बे के नई बस्ती में रह रहे है। पीड़ित विस्थापित परिवारों का आरोप है कि प्रशासन के द्वारा दंगे में मारे गए लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनवाए गए है, और न हीं उन्हें सरकार की तरफ से कोई मुआवजा दिया गया है। मंगलवार को पीड़ित विस्थापित परिवार के लोगों ने जिलाधिकारी जसजीत कौर से मिलकर मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए जाने की मांग की है।