मनरेगा में मिट्टी पटाई का कार्य जेसीबी, ट्रैक्टर व ठेला से कराए जाने का मामला तो कई बार सामने आ चुका है, लेकिन सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत सुकरौली में प्रधान ने तो दोपहिया वाहन से ही सैकड़ों घन फिट मिट्टी की ढुलाई दिखा दी। इतना ही नहीं फर्जी रसीद लगाकर एक लाख रुपये से अधिक का भुगतान भी ले लिया। जन सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत मांगी गई सूचना में प्रधान और सेक्रेटरी की कारगुजारी खुलकर सामने आ गई है।
सुकरौली गांव के हरिशंकर उपाध्याय ने दो माह पूर्व आरटीआइ के तहत ग्राम प्रधान से विकास कार्यों की सूचना मांगी तो उन्हें सादे बाउचर व मनगढ़ंत सूचनाएं देकर गुमराह करने का प्रयास किया गया। रिमाइंडर लगाया तो बिना कार्य के फर्जी भुगतान लेने के कई मामले सामने आए। जनसूचना के तहत प्राप्त रसीद में प्राथमिक विद्यालय पर जिस ट्रैक्टर नंबर से मिट्टी पटाई का काम दिखाया गया है वह बलरामपुर जिले के एक बाइक का नंबर है। प्रधान की इस बाइक से रसीद में 22360 का तो कैश बुक में 80262 रुपये का मिट्टी पटाई किया गया है। जबकि दोनों पर चेक संख्या एक ही दर्ज है। हरिशंकर उपाध्याय ने ग्राम प्रधान के इस खेल की शिकायत शपथ पत्र के साथ जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से कर जांच व रिकवरी की मांग की है।
वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी विनय सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता ने डीएम से मिलकर अपनी बात बताई है जिस पर उन्हें जांच मिली है और वो टीम गठित कर मामले की निष्पक्ष जांच कराकर कड़ी कार्यवाही करेंगे, जो भी दोषी होगा उन्हे बक्सा नहीं जाएगा, मनरेगा के धन में बंदरबांट करने वाले प्रधान का गबन अगर साबित हो जाता है तो उनके खिलाफ एफआईआर की भी कार्यवाही होगी।