देश में लंबे समय से मदरसों की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं, जब से असम सरकार ने मदरसों को लेकर कठोर फैसला लिया, उसके बाद से कथित सेक्युलर खेमे ने इस पर सवाल दागने शुरू कर दिए. मदरसों के बहाने महाकुंभ पर भी उंगली उठाई गई. साथ ही मजहबी तालीम के नाम पर मदरसों में चल रही जेहादी तामील पर सवाल अभी जस के तस हैं. सवाल यह है कि अल्लाह के नाम पर किसने मदरसों को बनाया जेहाद वाली फैक्ट्री?