7000 प्रबोधकों को पदोन्नति का इंतजार
प्रबोधक कैडर की शीघ्र पदोन्नति की मांग
प्रबोधक संघ ने दिया मुख्यमंत्री को ज्ञापन
तीन साल से नहीं हुई पदोन्नति
प्रदेश के सात हजार प्रबोधक पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं लेकिन पिछले कइ साल से उनका यह इंतजार समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा। आपको बता दें कि राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक सेवा अधिनियम 2008 के अनुसार प्रबोधक पद पर लगातार नौ वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रबोधक कैडर की पदोन्नति कर वरिष्ठ प्रबोधक अर्थात वरिष्ठ अध्यापक के समकक्ष पद पर पदोन्नति की जाकर इन्हें मिडिल स्कूल हेडमास्टर अथवा सेकेंडरी सेटअप में वरिष्ठ अध्यापक विषय अध्यापक के रूप में पदोन्नत किया जाना था लेकिन इनकी ९ साल की सेवा हुए भी अब तीन साल से अधिक समय हो गया लेकिन सरकार ने अब तक किसी भी प्रकार से प्रबोधक कैडर की वरीयता सूची भी नहीं बनाई गई है।
प्रबोधक कैडर से जूनियर अध्यापकों की पदोन्नति
गौरतलब है कि सन् 2008 से राजस्थान प्रदेश में सेवारत 23000 प्रबोधक में से 7000 प्रबोधक पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं। शिक्षा मंत्री कई बार संबंधित अधिकारियों को प्रबोधकों की पदोन्नति संबंधी निर्देश दे चुके हैं लेकिन अब तक पदोन्नति सूची जारी नहीं की गई। वहीं तृतीय श्रेणी अध्यापकों सहित अन्य राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया कार्मिक विभाग के आदेशानुसार जारी है तथा द्वितीय श्रेणी के नवनियुक्त अध्यापकों से ये पद भरे जा रहे हैं। प्रबोधक कैडर से जूनियर अध्यापकों की पदोन्नति भी हो चुकी है इससे 3 वर्ष से पदोन्नति की बाट जोह रहे अपेक्षाकृत अनुभवी एवं पात्र सात हजार प्रबोधकों में भारी आक्रोश है। आपको बता दें कि इस पदोन्नति से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा।
मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन
प्रबोधक संघ के प्रदेश महामंत्री संजय कौशिक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर प्रबोधक कैडर की शीघ्र पदोन्नति की मांग की है। कौशिक में ज्ञापन में बताया कि प्रबोधक पदोन्नति को लेकर प्रदेश के 111 माननीय विधायकों मंत्री गणों सहित,तीन सांसदों प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, कांग्रेस पार्टी के 40 वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं 18 शिक्षक एवं कर्मचारी महासंघो के अध्यक्ष महामंत्रियों की ओर से प्रबोधक पदोन्नति की अनुशंसा पत्र मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के नाम लिख कर भेजे जा चुके हैं इसलिए सरकार के शिक्षा विभाग को शीघ्र अति शीघ्र प्रबोधक पदोन्नति पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।