अयोध्या फैसले के बाद अब मथुरा की ईदगाह का जामा मस्जिद पर कृष्ण जन्मभूमि पर अपना हक जताने पर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने ऐतराज जताते हुए कहा कि अयोध्या का फैसला कैसा आया है यह पूरी दुनिया जानती है और कुछ फिरका परस्त लोग दोबारा इस तरह की नापाक हरकत कर रहे हैं ऐसे लोग देश के हमदर्द नहीं देश के मुखालिफ लोग हैं और ऐसे लोग दोबारा इस तरह की हरकत कर हिंदू-मुस्लिम को बीच नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं
देवबन्दी आलीम मुफ्ती असद कासमी ने कहा की बाबरी मस्जिद का जो फैसला आया जो कोर्ट में फैसला सुनाया वह तमाम ही दुनिया जानती है किस आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया लेकिन कोर्ट का फैसला था और मुसलमान इस चीज को पहले से ही कहता चला रहा था कि कि कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा वह मंजूर होगा और तमाम ही मुसलमानों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और माना है लेकिन अब कुछ फिरका परस्त लोग जो है फिर दोबारा इस तरह की नापाक हरकतें कर रहे हैं अब वह मथुरा के अंदर ईदगाह और शाही जामा मस्जिद को उन पर भी अपना हक जताने लगे हैं और उसको श्री कृष्ण जन्मभूमि बता रहे हैं तो ऐसे लोग जो है मे कहता हूं कि यह देश के हमदर्द नहीं है बल्कि देश के मुखालिफ है जो देश के अमन चैन को बर्बाद कर देना चाहते हैं और हमारे अंदर हिंदू मुसलमानों के अंदर आज भी जो प्यार मोहब्बत है उसको मिटाना चाहते हैं और यह सिर्फ धर्म की राजनीति करना चाहते हैं तो मे अपील करता हूं सभी देशवासियों से कि ऐसे फिरका परस्त लोगों से होशियार रहने की जरूरत है यह मुल्क के वफादार नहीं बल्कि देश के अंदर बिगाड़ पैदा करने वाले लोग हैं इनकी बातों पर कोई ध्यान ना दें और जो है प्यार मोहब्बत के साथ में इस देश में को आगे लेकर चले