बंदियों तक भिजवाने को जेल के कारखाने में आए थे छह मोबाइल!
- ऑपरेशन में कैदी के गुप्तांग से निकले चार की-पेड मोबाइल, दो मोबाइल का सुराग नहीं
- कैदी नहीं दे रहा संतोषजनक जवाब, कारखाने में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से मिलेगी सुराग
जोधपुर.
जोधपुर सेन्ट्रल जेल में बंदियों तक पहुंचाने के लिए कारखाने में छह मोबाइल लाए गए थे। जो कैदी के मार्फत बंदियों तक भिजवाए जाने थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों से बचने के लिए कैदी ने चार मोबाइल सरस दूध की दो थैलियों में लपेटकर गुप्तांग में छुपा लिए थे। इनमें से चार मोबाइल कुकर्म के आरोपी कैदी के शरीर में ऑपरेशन के बाद निकल गए। अन्य दो और मोबाइल का अभी तक पता नहीं लग सका। अब पुलिस कारखाने में लगे सीसीटीवी फुटेज से सुराग निकालने में जुटी है।
लॉरेंस के गुर्गों पर संदेह की सुई
पंजाब का कुख्यात हार्डकोर लॉरेंस बिश्नोई भरतपुर जेल में बंद है। जबकि उसके अनेक गुर्गे जोधपुर जेल में बंद हैं। अंदेशा है कि कारखाने में आने वाले किसी बाहरी व्यक्ति की मिलीभगत कर मोबाइल मंगाए गए थे। फिर इन्हें कैदी देवाराम के मार्फत लॉरेंस के गुर्गों तक पहुंचाए जाने थे। इसमें बड़ी राशि का लेन-देन होने का भी अंदेशा है। हालांकि पुलिस व जेल प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस का कहना है कि इस संबंध में जांच की जा रही है।
एक मोबाइल पुराना व तीन नए मोबाइल
रातानाडा थानाधिकारी रमेश शर्मा का कहना है कि बाड़मेर में सदर थानान्तर्गत जूनापतरासर गांव निवासी देवाराम भील के शरीर से चार मोबाइल निकाले गए हैं। जो पॉलिथीन की थैली में बंधे थे। चारों मोबाइल की-पेड वाले हैं। एक मोबाइल पुराना व तीन नए हैं। पुलिस कमिश्नर जोस मोहन व पुलिस उपायुक्त (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह ने मामले को गंभीर मानते हुए तह तक जांच करने के निर्देश दिए हैं। पुराने मोबाइल से सुराग निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, कारखाने के सीसीटीवी फुटेज मांगे गए हैं। इनसे मोबाइल लाने वाले का पता लग सकेगा। जेल प्रशासन की तरफ से कैदी देवाराम भील के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई गई है।