रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP में 11.5 प्रतिशत की कमी आ सकती है 20-25 करोड़ लोग इस समय अलग-अलग क्षेत्रों में बेरोजगारी झेलने को मजबूर
हाल ही के कुछ सर्वेक्षणों के मुताबिक कंपनियों का भी फिलहाल नई नियुक्तियों पर जोर नहीं
नौजवानों को ऊर्जावान नहीं बनाएंगे तो ये देश कैसे आगे बढ़ेगा?
विभिन्न मोर्चों पर जूझ रही सरकार आखिर कैसे 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करेगी?