प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के आवास के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सड़कों के किनारे और गांव के अंतिम छोर पर भीटा या टीले पर रहने वाले मुसहर और बन टांगिया समाज को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिए जाने की बात की है। लेकिन, गाजीपुर के करंडा ब्लॉक के सबुुआ ग्राम सभा की मुसहर बस्ती आज भी बदहाल है। यहां की ग्रामसभाओं के करीब 40 मुसहर परिवारों को आवास के लिए पिछले साल लिस्ट जारी हुई थी। लेकिन बने सिर्फ 8 और10 आवास। इनमें भी किसी पर अभी तक छत नहीं पड़ी है। एक स्थानीय नेता ने लाभार्थियों के खाते से राशि निकालकर खुद ही आवास बना डाले। आधे अधूरे आवासों में लोग छत पर प्लास्टिक डालकर रहने को मजबूर हैं।
बताया जाता है कि एक स्थानीय भाजपा नेता खुद ठेकेदार बन गया। ग्राम पंचायत अधिकारी और बैंक मैनेजर ने मिलकर इसने गरीबों की राशि में हेरफेर किया। पीडि़त मुसहर परिवारों ने इसकी थाने में लिखित शिकायत की। जांच हुई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही है। इस संबंध में ठेकेदार का कहना है कि मुसहर अपने आवास की राशि कहीं शराब पीने में न खर्च कर दें इसलिए खुद से आवास बनवाने का काम शुरू किया। अधूरे बने आवास जल्द ही बनवा दिए जाएंगे। इस मामले में जब मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता से बात की गयी तो वह आवाक रह गए। क्योंकि, इन आवासों का निर्माण लाभार्थी को खुद करवाना था। मामला उजागर होने के बाद सीडीओ ने जांच के लिए करंडा के बीडीओ को पत्र लिखते हुए 3 दिनों के अंदर जवाब मांगा है।