The basis of building the Indian Air Force (IAF) till about the mid eighties was mainly with the focus on our western adversary, since other nations sharing a border with India were neither hostile nor held significant martial clout in the region, all but China. For some strange reason, for a very long time, we decided not to talk about the ‘Red threat.
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना हर मोर्चे पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मुकाबला करने को तैयार है. चीन और पाकिस्तान की चालबाजी को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने डेढ़ साल पहली ही पश्चिमी मोर्चे पर अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी थी. चीन को सबक सिखाने के लिए वेस्टर्न फ्रंट यानी पश्चिमी मोर्चे को चिनूक, अपाचे और राफेल के जरिए और भी ताकतवर बना दिया गया है.
#IndiaChinaStandoff #IndianAirForceStrength #OneindiaHindi