भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। बातचीत के कई दौर हो चुके हैं, लेकिन तनाव घटने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख में तैनात एक सरकारी सूत्र के मुताबिक इस समय सीमा पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों पक्षों के बीच मात्र 500 मीटर की दूरी है और दोनों तरफ से सैनिक एक-दूसरे की शूटिंग रेंज के भीतर हैं। इस समय भारत और चीन दोनों ही पक्षों के सैनिक उसी रिजलाइन पर हैं, जो फिंगर्स 3 और 4 को जोड़ता है। फिंगर 4 पोर (ग्रीन टॉप) पर चीनी सेना तैनात है। ग्रीन टॉप से लगभग 1 किमी उत्तर में एक और पहाड़ी है, फिंगर 3 का पोखर पिंपल से उत्तर-पश्चिम में लगभग 1 किमी दूर है जिस पर पीएलए ने कब्जा कर लिया है।
वहीं, भारतीय सेना पीएलए के उत्तर और पश्चिम में ऊंचाइयों पर काबिज है। भारतीय सेनाएं फिंगर 3 के टॉप पर पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
इस सबके बावजूद दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है। दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए विवादित इलाकों से सैनिक हटाने का काम करना चाहिए। एक-दूसरे से तय दूरी रखते हुए तनाव कम करना चाहिए।
रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच पहले जो एक राय बनी थी, उससे गाइडेंस लेना चाहिए। मतभेदों की वजह से तनाव नहीं होना चाहिए।
दोनों देशों को सीमा से जुड़े मामलों में सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल को मानना चाहिए। बॉर्डर के इलाकों में शांति रखते हुए ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका हो।
बॉर्डर पर स्थिति सुधरते ही दोनों देशों को तेजी से काम करना चाहिए, ताकि शांति बनाए रखने और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए नए उपाय पूरे किए जा सकें।
स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मैकेनिज्म के जरिए बातचीत होती रहेगी। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन की बैठकें भी जारी रहेंगी।