साक्षरता दिवस विशेष : सालों तक जगाई साक्षरता की अलख
अब अंधेरे में जीवन काट रहे 17 हजार प्रेरक
पढऩा लिखना कार्यक्रम से है आस
पढऩा लिखना कार्यक्रम में नियुक्ति दिए जाने की मांग
प्रदेश में साक्षरता का दीप प्रज्वलित करने वाले प्रदेश के 17 हजार प्रेरक अब अंधेरे में जीवन जीने वाले को मजबूर हैं। साक्षर भारत मिशन के तहत संविदा के आधार पर प्रतिमाह 2 हजार रुपए का मानदेय पर सेवा करने वाले प्रेरकों का भविष्य अंधकार में है। साक्षरता की अलख जगाने वाले इन प्रेरकों को सरकार बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम बंद होने के बाद शुरू किए जा रहे नए पढऩा लिखना कार्यक्रम में सेटअप होने के बाद भी इन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है। ऐसे में यह प्रेरक गरीबी में दिन काटने को मजबूर हैं।