कृषि उपज मंडी कर्मचारियों ने हड़ताल के तीसरे दीन मण्डी गेट पर भैंस के आगे बिन बजाई। मध्यप्रदेश की सभी मंडिया संयुक्त मोर्चा कर्मचारि संघ के बैनर तले 3 सितम्बर से हड़ताल पर है। हड़ताल के पहले दिन सभी कर्मचारियों ने भोपाल में रैली निकाल कर किसान भवन का घेराव कर प्रदर्शन किया और आधे कर्मचारियों ने अपनी अपनी मंडियों के गेट पर धरना प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में नगदा मण्डी कर्मचारियों ने आज मण्डी गेट पर भेस के आगे बिन बजाई, यह कि कर्मचारियों ने कई बार शान्तिपूर्ण तरीके से सरकार तक अपनी बात पहुचाने का प्रयास किया पर सरकार ने अब मण्डी कर्मचारियों के वेतन भत्ते कैसे भुगतान होंगे के बारे में अवगत नही करवाया है। इस पर कर्मचारियों में भय का माहौल है। सरकार ने एक तरफ मण्डी प्रागण के बाहर किसानों से सीधे उनकी उपज खरीदी की छूट दे दी, जिस पर निजी कम्पनी ओर व्यापारियों को कुछ भी मण्डी टेक्स नही देना होगा। जिस कारण मंडियों की आय प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों को वेतन नही मिल रहा है। इस कारण सभी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। सरकार से कर्मचारियों की मांग है कि सरकार उन्हें मध्यप्रदेश सरकार का कर्मचारी घोषित करे और उनके वेतन भत्ते किस प्रकार से भुगतान होंगे कि व्यवस्था करदे। आंदोलन में मण्डी नागदा के योगेश राठौर, नागेन्द्रसिंह राठौर, गोपाल कालरा, रायसिंह गुजर्र, मनीषा मसानिया, निर्मला सोलंकी, घनश्याम सिंह, नवीन पोरवाल, जगदीश चौहान, कमलेश बड़गोतीया, गणपत मीणा, श्रीपाल सिंह आदि कर्मचारी मौजूद थे।