लखीमपुर खीरी:- दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन की मैलानी रेंज जंगल से सटे खेत में मृत मिली बाघिन के गले में बंधी नायलान की रस्सी को जांच के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) देहरादून भेजा गया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि बाघिन की मौत गले में बंधी रस्सी के कारण हुई, या मरने के बाद गले में रस्सी डाली गई। दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन के मैलानी रेंज की जटपुरा बीट जंगल से सटे हरदुआ गांव के पास एक खेत में 11 अगस्त को बाघिन का शव पाया गया था। जिसके गले में नायलान की रस्सी बंधी हुई थी। इससे इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि रस्सी का फंदा लगाकर बाघिन का शिकार किया गया। जांच के दौरान कई पेंचदगियां सामने आने के बाद अब बाघिन के गले में बंधी हुई रस्सी को दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने फोरेंसिक जांच के लिए डब्ल्यूआईआई देहरादून भेजा है। दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन के उपनिदेशक डॉ अनिल कुमार पटेल ने बताया कि फोरेंसिक जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि बाघिन के गले में जो घाव पाए गए हैं, वह नायलान की रस्सी से हुए है या बाघिन के मरने के बाद गुमराह करने के लिए उसके गले पर रस्सी कस दी गई। अभी तक की जांच में ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बाघिन का शिकार रस्सी के फंदे से किया गया या और कोई अन्य तरीका निकाला गया। उच्चस्तरीय टीम ने भी शिकार के लिए केवल वन कर्मियों को जिम्मेदार ठहरा कर जांच को विराम दे दिया। जबकि विभिन्न पहलुओं पर जांच नहीं की गई।