शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास
विद्यार्थी शैक्षिक स्तर के अनुसार पर स्कूल को मिलेंगे सर्टिफिकेट
कक्षा 2 से 7 में अध्ययनरत विद्यार्थियों को किया गया शामिल
राज्य के सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए और स्कूल से जुड़ी सभी शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों का फोकस विद्यार्थी की उपलब्धि पर केन्द्रित करने के विभाग ने अनोखी पहल की है। इस पहल को नाम दिया गया है होनहार राजस्थान। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त बाबूलाल मीणा ने इस संबंध में हाल ही में दिशा निर्देश जारी किए। इस कार्यक्रम के माध्यम से कक्षा 2 से 7 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर के अनुसार स्कूलों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
तीन चरणों में होगी प्रक्रिया
जानकारी के मुताबिक सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी। हर चरण में लगभग 15000 स्कूलों को सर्टिफाइड किया जाएगा। गौरतलब है कि स्कूलों की गुणवत्ता के चयन के लिए इसी वर्ष29 फरवरी 2020 को एक परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें राज्य के 61000 स्कूलों के 42 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस परीक्षा के आयोजन का उद्देश्य नेशनल एचीवमेंट सर्वे के लिए स्कूलों को शैक्षिक रूप से सुदृढ़ करना था।
कार्यक्रम का उद्देश्य
. स्टूडेंट्स के शैक्षिक स्तर में वृद्धि के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास करना।
. शैक्षिक उपलब्धि के आधार पर विद्यालय की गुणवत्ता का आकलन कर सर्टिफिकेशन करना
. स्कूलों में परस्पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास करना।
. बेहतर प्रदर्शन वाले शिक्षकों, संस्था.प्रधानों, विद्यालयों को प्रोत्साहित व सम्मानित करना।
. बच्चों में सीखने के प्रति जिज्ञासा व सजगता की भावना को प्रोत्साहित करना।
. स्कूलों को अकादमिक सहयोग एवं संबलन प्रदान करना।
सर्टिफिकेशन के मानक
ब्रॉन्ज : कक्षा 2 से 7 के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा भाषा, गणित, अंग्रेजी विषय में कक्षा स्तर की 50 प्रतिशत दक्षताओं को प्राप्त करना।
सिल्वर : कक्षा 2 से 7 के 65 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा भाषा, गणित, अंग्रेजी विषय में कक्षा स्तर की 50 प्रतिशत दक्षताओं को प्राप्त करना।
गोल्ड : कक्षा 2 से 7 के 80 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा भाषा,गणित, अंग्रेजी विषय में कक्षा स्तर की 50 प्रतिशत दक्षताओं को प्राप्त करना।