कृषि विभाग, किसान और टिड्डी चेतावनी संगठन के लिए बना मददगार
खत्म हुई हॉपर्स की समस्या
एप के जरिए की गई हॉपर्स की मॉनिटरिंग
टिड्डियों के बाद पैदा उनके बच्चों यानी हॉपर्स का खात्मा करने में इस बार कृषि विभाग ने मोबाइल एप की मदद ली। विभाग का यह तरीका काफी कारगर रहा और प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पैदा हुए हॉपर्स को इनकी मदद से खत्म किया गया। जी हां, कृषि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन के पास कुछ ऐसे मोबाइल एप हैं जिनकी मदद से वह हॉपर्स की मॉनिटरिंग कर पाए। इन एप्स की मदद से अधिकारी इस बात का भी पता कर पाए कि कहां कितनी मात्रा में हॉपर्स निकल रहे हैं। जिससे उन्हें समाप्त करने में विभाग को आसानी हुई।
एप से मिली मॉनिटरिंग में मदद
टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक के एल गुर्जर के मुताबिक जैसलमेर, पाली, नागौर, बाड़मेर,जोधपुर, बीकानेर और चूरू आदि जिलों में बड़े स्तर पर हॉपर्स का प्रकोप था लेकिन अब उन्हें नियंत्रित कर लिया गया है। उनका कहना है कि हॉपर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने में कई मोबाइल एप काफी कारगर साबित हुए। E locust 3M एप किसानों और अधिकारियों के लिए मददगार साबित हुए। कीटनाशक के छिड़काव के जरिए इन्हें नियंत्रित किया जा चुका है। वहीं और E locust Tablet विभागीय अधिकारियों के लिए फायदेमंद रहा। आपको बता दें कि इन एप्स के जरिए हॉपर्स की मॉनिटरिंग के साथ ही इनकी करंट लोकेशन, उनके विकसित होने की अवस्था और टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी मिल पाती है।