कांग्रेस में नेतृत्व संकट गहरा होने के बीच विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि सैद्धांतिक रूप से गांधी-नेहरू परिवार के बाहर से कोई अध्यक्ष बन सकता है लेकिन व्यावहारिक रूप से नहीं।
पार्टी का इतिहास दर्शाता है कि स्वतंत्रता के बाद से गांधी-नेहरू परिवार के बाहर कम से कम 13 अध्यक्ष हुए हैं जबकि परिवार से केवल 5 अध्यक्ष हुए हैं। बहरहाल, परिवार के सदस्य बाहर के नेताओं की तुलना में ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष रहे।
स्वतंत्रता के बाद जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी अलग-अलग समय पर कुल मिलाकर 40 वर्ष पार्टी के अध्यक्ष रहे। कांग्रेस में सर्वाधिक समय तक अध्यक्ष रही सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की लेकिन पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक उनसे अंतरिम प्रमुख बने रहने का आग्रह किया गया। पार्टी के 20 नेताओं ने उनसे संगठन में सुधार के लिए पत्र लिखा था जिसके बाद उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की।
गांधी-नेहरू परिवार के बाहर जो नेता पार्टी के अध्यक्ष रहे उनमें जे. बी. कृपलानी, बी. पट्टाभि सीतारमैया, पुरुषोत्तम दास टंडन, यू एन धेबर, एन. संजीव रेड्डी, के. कामराज, एस. निजलिंगप्पा, जगजीवन राम, शंकरदयाल शर्मा, डी. के. बरूआ, के. बी. रेड्डी, पी. वी. नरसिंहराव और सीताराम केसरी शामिल हैं।