बारिश की फुहारों से सुधरने लगी शहर की आबोहवा

2020-08-24 142

जयपुर। शहर सहित प्रदेशभर में बीते भाद्रपद मास में झमाझम मानसून की अच्छी बारिश का दौर लगातार जारी है। इससे न सिर्फ शहर में आमजन को गर्मी से राहत मिली है। साथ ही ठंडी हवाओं से वायु प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ है। तापमान में गिरावट के साथ शहर की आबोहवा में विषैले तत्व पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) औसतन 52 माइक्रोग्राम घनमीटर दर्ज किया गया। उक्त दिनों के मुकाबले इस पखवाड़े में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 280 से 300 के मुकाबले यह 70 प्रतिशत तक कम रिकॉर्ड हुआ, जो कि अच्छी श्रेणी में माना जा रहा है। प्रदूषण मंडल के आंकड़ों के मुताबिक बीते साल के मुकाबले औसतन राजधानी सहित भिवाड़ी में 50 प्रतिशत तक इस बार अगस्त माह में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है।

अच्छी बारिश से नतीजे बेहतर

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों के मुताबिक शहर में सिविल लाइन, सेठी कॉलोनी, परकोटा, शास्त्री नगर में जुलाई के मध्य तक प्रदूषण खतरनाक प्लस की स्थिति में था। यहां रोजाना औसत प्रदूषण का स्तर औसतन 200 के ऊपर दर्ज हुआ था। दूसरी ओर पीएम (पर्टिकुलर मैटर) का स्तर 2ण्5 ठंडी हवाओं के कारण थोड़ा अच्छा माना जा रहा है। आने वाले समय में मौसम विभाग ने प्रदेशभर में अच्छी बारिश का अनुमान जताया है। जिससे प्रदूषण का स्तर तो कम होगा ही, इसके साथ ही श्वास संबंधी बीमारियों के रोगियों को भी फायदा मिलेगा।

ठंडी हवाओं से आती है सूचकांक में कमी

अस्थमा भवन के डायरेक्टर डॉ.वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि बारिश होने के बाद हवा शुद्ध हो जाती है। वातावरण में जहरीले तत्व होते हैं, वह बारिश में धुल जाते हैं। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी कमी आती है। बढ़ते प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों को ज्यादा खतरा रहता है। हालांकि इस बदलते मौसम में हवा सभी के लिए अच्छी रहती है, लेकिन अस्थमा रोगियों को आद्रर्ता के बढऩे से थोड़ी दिक्कत होती है। ऐसे समय मेे वह बाहर जाने से बचें। 301 और 400 के बीच वायु की गुणवत्ता को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। डब्लयूएचओ के आंकड़ों की बात की जाए तो 10 माइक्रोग्राम घनमीटर को प्रदूषण के लिहाज से बेहतर माना गया है।

Free Traffic Exchange

Videos similaires