ग्रेटर नोएडा की एक निर्माणाधीन मोबाइल कंपनी मजदूरी के ठेकेदार द्वारा लाये गए मज़दूरों ने वेतन और आवास की मांग को लेकर हंगामा किया। उनका कहना कोरोना महामारी में एक-एक कमरे में 20 से 30 मज़दूरों को जबरन रहने का दबाव बनाया जा रहा है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मज़दूरों का आरोप है कि पुलिस और कंपनी के सुरक्षा गार्डों ने उनके साथ मार पीट की। हालांकि पुलिस ने लाठी चार्ज की घटना से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि मजदूरों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया है।
ग्रेटर नोएडा की निर्माणाधीन मोबाइल कंपनी में काम करने वाले मज़दूरों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा उनके रहने की सही ढंग से व्यवस्था नहीं की गई है। ठेकेदार ने कंपनी का निर्माण कार्य तेजी से करने को लेकर और मज़दूरों को लाकर इन कमरों में भर दिया है। जिससे मज़दूरों को बीमारी का खतरा बना हुआ है। कुछ मज़दूरों ने पिछले दो महीने की सैलरी न मिलने का भी आरोप लगाया है। गुस्साए मजदूरों ने शुक्रवार की रात कंपनी में जमकर हंगामा काटा।
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मजदूरों का आरोप है कि पुलिस और कंपनी के सुरक्षा गार्डों ने उनके साथ मारपीट की। पुलिस और सुरक्षा गार्ड द्वारा की गई मारपीट के दौरान कई मज़दूरों को चोट आई हैं। हालांकि इस मामले में एडिशनल डीसीपी विशाल पांडेय ने मारपीट की घटना से इनकार किया है। उनका कहना है कि मज़दूरों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया है। मामले की जांच कर रही है। जांच के आधार पर ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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