सीता स्वयंवर के जितने के समाचार को सुनकर तथा राजा जनक के न्योते को स्वीकार करके राजा दशरथ बारात को लेकर जनकपुर पहुंचे जहा श्री राम के साथ सभी भाइयो का विवाह निश्चित किया गया। श्री राम और सीता जी के साथ ही सभी भाइयो का विवाह किया गया। भरत का मांडवी के साथ, लक्ष्मण का उर्मिला के साथ व शत्रुघन का श्रुतकीर्ति के साथ विवाह संपन्न हुआ।