देश में अब सरकारी नौकरी के लिए युवाओं को अलग-अलग फॉर्म भरने या ढेर सारी परीक्षाएं देने की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्र सरकार ने एक देश एक भर्ती परीक्षा को मंजूरी दे दी है। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) के गठन के साथ ही अलग-अलग विभागों के लिए अभ्यर्थियों को अलग-अलग परीक्षा नहीं देनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरए को करोड़ों युवाओं के लिए वरदान बताया है। उन्होंने कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी. सरकार का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है मगर दूसरी तरफ देश में बढ़ती बेरोजगारी चिंता का विषय भी बनी हुई है. हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक पिछले 4 महीनों में देश में करीब पौने दो करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने अपनी नौकरियां गवाईं है. दूसरी तरफ सरकारी संस्थानों के निजीकरण से भी युवाओं का सरकारी नौकरी पाने का सपना धूमिल होता जा रहा है. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया