ललितपुर। बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े जनपद ललितपुर में रोजगार के अवसर शून्य हैं यहां पर दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए गरीब तबके के लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है । जिसके लिए शासन प्रशासन के अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी कोई ऐसा प्रयास नहीं किया जिससे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। इसी कारण बुंदेलखंड में गरीबी बेरोजगारी बहुत ज्यादा फैली हुई है और इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग ऐसे घिनौने कृत्य करते हैं जिनको शब्दों में बयान कर पाना बड़ा मुश्किल होता है। ऐसी ही एक बिपदा थाना जाखलौंन के ग्राम धौर्रा के एक समीपबर्ती गांव में रहने बाले एक गरीब बेरोजगार दर-बदर होते आदिवासी सहरिया जनजाति परिवार पर उस समय कहर बनकर टूटी जब अपने बच्चों का पेट पालने के लिए उन्हें भुखमरी से बचाने के लिए आदिवासी दंपत्ति रोजगार की तलाश में जनपद से बाहर अन्यत्र चला गया और उसी गरीबी का फायदा उठाकर उसकी नाबालिग बेटी को कुछ पैसों की लालच देकर एक कस्बे के ही दो सौहदों ने उसकी असमत से खिलवाड़ की । इतना ही नहीं वह दोनों शौहदे उस नावालिग को समीपवर्ती मध्य प्रदेश के एक गांव में अपने जीजा के यहां ले जाकर उसे 3 महीने अपने कब्जे में रखते हैं जहां पर उसके साथ बलात्कार किया जाता है और बंधक बनाकर तीन महीने तक रखे रहे। इस बात की खबर जब नाबालिगा की मां बाप को हुई तब वह अपना काम छोड़कर घर वापस लौटे और अपनी बेटी की तलाश में जुट गए। जब गांव में उन शब्दों के बारे में पता चला तब उन्होंने पुलिस के डर से उठना बालिका को बंधन मुक्त कर घर भेज दिया जिसके बाद आकर उसने अपने माता-पिता को जब व्यथा सुनाई तब उन्होंने अपने क्षेत्रीय थाने जाखलौन में जाकर पुलिस को एक सप्ताह पहले लिखित रूप से एक शिकायती पत्र दिया । इसके बावजूद एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस ने उन शौहदों के खिलाफ न तो मामला दर्ज किया और न ही उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की बल्कि लड़की को दूसरे दिन सिपाही के द्वारा घर से माँ बाप को बुलवाकर लड़की को सौपा जाता है । इस मामले में एक नया मोड़ आता है कि लड़की जब घर पहुंचती है तो पूरी आपबीती अपने मां-बाप को सुनाती है सुनने के बाद मां-बाप को पता चलता है कि हमारी लड़की के पेट मे 3 माह का गर्भ है ।
तब पीड़ित दम्पत्ति ने मीडिया और समाज सेवियों से मामला दर्ज कराने की गुहार लगाई। मीडिया और समाज सेवियों की जब दखलंदाजी हुई तो उसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया लेकिन उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है। हालांकि पुलिस अधीक्षक कैप्टन एमएम बेग ने उक्त मामला दर्ज कर चोरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है।
प्रदेश के मुखिया ने दो दिन पहले ही महिला एवं बाल सुरक्षा को लेकर एक संगठन की घोषणा कर दी थी इसके तहत महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर नकेल कसने के लिए ए डी जी रेंक के पुलिस ऑफिसर निगरानी करेंगे लेकिन ललितपुर पुलिस इसके बावजूद भी लापरवाह बनी रही ।