अनुज सक्सेना ने कहा कि मन का हो तो अच्छा और न हो तो संविधान खतरे में है. राममंदिर पर पहले तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला जब नहीं आया था तो सबको स्वीकार था. लेकिन राम मंदिर पर फैसला आने के बाद कुछ लोग फिर इसको गलत बताने पर उतर आए. ये जो जजमेंट आया है उससे कभी भी कुछ लोग नाखुश हो सकते हैं.