राक्षसी ताड़का का वध तथा सुबाहु और मारीच का वध करके विश्वामित्र के आश्रम को राक्षसो के आतंक से मुक्त करने के पश्चात भगवान राम और लक्ष्मण ने ऋषि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी की और प्रस्थान किया। जहाँ विश्वामित्र ने उन्हें गंगा और भगीरथ की कथा सुनाई तथा राम ने अहिल्या का उद्दार किया।