बाढ़ से ग्रामीणों की यह है हाल, नहीं पंहुचा कोई सरकारी कर्मचारी
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पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात का असर गंगा और रामगंगा में दिखाई देने लगा है. नरौरा बांध से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा का जलस्तर बढ़कर चेतावनी बिंदु के ऊपर पहुंच गया है. बाढ़ प्रभावित गांवों में पीड़ितों की मदद को कोई सरकारी कर्मचारी नहीं पहुंचा है.
गंगा का जलस्तर 25 सेंटीमीटर बढ़कर 136.85 मीटर पहुंच गया है,जबकि गंगा का चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर पर है. नरौरा बांध से गंगा में एक लाख 83 हजार 082 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे गंगा का जल स्तर और बढ़ने की आशंका है. रामगंगा का जलस्तर 134.40 मीटर पर स्थित है. खोह हरेली व रामनगर से रामगंगा में 7,182 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव हरसिंगपुर कायस्थ, ऊगरपुर,लायकपुर,सवितापुर,सुंदरपुर,तीसराम की मड़ैया,जोगराजपुर, बमियारी, कुडरी, सारंगपुर, करनपुर घाट, मानपुर गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. ग्रामीण अपने-अपने घरों से सामान निकालकर छतों पर रख रहे हैं. गांव के संपर्क मार्ग पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है.कई गांवों में ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं.वहीं मंझा की मड़ैया बाढ़ के पानी से घिर गया है, जिससे गांव के लोग नाव के सहारे सोतानाला पारकर आवागमन कर रहे है. रामगंगा का जलस्तर स्थिर होने के बावजूद कोलासोता व अहादपुर भटौली गांव के निकट कटान हो रहा है,जिससे ग्रामीण भयभीत हैं.