पीने के पानी का हैंडपंप करीब लगभग 3 माह से ख़राब है। लोगों को पानी दूर से लाकर पीने व अन्य कार्यों में इस्तेमाल करना पड़ता है। इतनी तेज तपन व गर्मी पड़ने के बावजूद पानी की किल्लत से जूझ रहे गांव गोदाम पर के लोग। पालतू जानवर गाय भैंसों आदि जानवरों को नदी में पानी पिलाने ले जाते है तो कहीं तालाब में। जबकि ग्राम सभा में पानी टंकी का भी निर्माण हो गया है फिर भी पानी की किल्लत है। जिम्मेदारों से सवाल करो तो कहते हैं कि लाइट नहीं मिलती तो क्या करें। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री कांत जी के आदेशानुसार 18, घंटे लाइट उपलब्ध रहती है फिर भी बहाना बताकर लोगों को गुमराह व बिजली विभाग को बदनाम करते हैं। जबकि पानी से परेशान लोगों ने ग्राम प्रधान ईसाक को अवगत कराया फिर भी समस्या से निजात नहीं मिली और फिर खण्ड विकास अधिकारी को भी सूचित किया गया उसके बाद ग्राम विकास अधिकारी को भी सूचित किया गया फिर भी समस्या से जूझ रहे ग्रामीण। एक ओर पीने के पानी की किल्लत तो दूसरी तरफ खराब रास्ते समस्या न ही कोई रास्ता है। रास्तों में इतना पानी व दलदल है कि मेन रास्ते से निकलना मुश्किल हो गया है। जल निकासी की व्यवस्था ना होने के कारण अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाये तो उसको लेने एम्बुलेंस गांव में नहीं जा सकती है क्योंकि यहां पर एक भी रास्ते सही नहीं है अब तो बारिश शुरू हो गई है बारिश से पहले भी यही हाल था यहां पर न कोई अधिकारी कर्मचारी ऐसी जगहों पर देखने तक नहीं आता है।