मरीजों की सेवा में लगे वाराणसी के डिप्टी सीएमओ की मौत के बाद उनके शव के साथ लापरवाही के मामले को लेकर बीएचयू अस्पताल पर सवाल उठने लगे हैं। बीएचयू अस्प्ताल कर्मियों की लारवाही से जहां डिप्टी सीएमओ के परिवार को गलत शव दे दिया गया (Deputy CMO Dead Body Swap Case), वहीं शव बदले जाने के इस मामले के चलते वाराणसी के ही फूड विजिलेंस इंस्पेक्टर अपने पिता का अंतिम संस्कार तक नहीं कर सके। डिप्टी सीएमओ के परिजनों को उन्हीं के पिता का शव दे दिया गया था। अब बीएचयू ने इस मामले को गंभीरता लिया है। एमएस प्रोफेसर एसके माथुर ने घटना की जांच का आदेश दिया है और इसके लिये एक समिति भी गठित (BHU Announce for Enquir) कर दी है, जो पूरे मामले की छानबीन कर रिपोर्ट देगी।
वाराणसी में डिप्टी सीएमओ जंगबहादुर की बुधवार को कोरोना के चलते मौत हो गई। उनके साथ ही 24 घंटे में चार लोगों की कोरोना से मौत हुई, जिनमें वाराणसी में तैनात फूड विजिलेंस इंस्पेक्टर के अनुपम श्रीवास्तव के पिता केशव चन्द्र श्रीवास्तव भी शामिल थे। डिप्टी सीएमओ जंगबहादुर के परिजन सुबह 10 बजे बीएचयू पहुंचे तो वहां मानक के अनुसार पूरी पैकिंग के साथ उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने हरिश्चन्द्र घाट ले जाकर उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया।
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